Sunday 19 May 2019

Child Labour

Child labour
Is not a favour
It's just the exploitation of their childhood
Only to live ones luxurious livelihood

Little ones are deprived of school
In order to make our stomach full
Child is forced into begging, prostitutions
Just for family's expectations and traditions

Increased family income
Could one's stop this outcome
Education could earn them a living
To be happy as a human being
Fertility control is another option
To relieve burden from next generation

Why can't we stand out and stop
Giving everyone a ray of hope
Let each one of us be a part
And broke this tradition apart
©Neha Jain

This poetry is a part of "The Local Train Magazine"-Issue-7. Thank you Shahadat Hossain for making me a part of the same.


https://thelocaltrainmag.wordpress.com/2019/10/22/child-labour-neha-jain/






Monday 13 May 2019

केरल की यह बाढ़


ऐसे आई ये केरल की बाढ़
ले चली अपने साथ हज़ारों सपने उजाड़।
ऐसा आया ये मॉनसून की मौसम
लोगो के दिल हो गए हमेशा के लिए नम।
आया जो लहरो का कहर
बेघर हो गए लोग शहर दर शहर।
बंद हो गए सारे रास्ते
कोई तो आओ ज़रा इनके भी वास्ते।
उजड़ गए लोगो के परिवार
पेट भरने के लिए नही बचा कारोबार।।

जवान कर रहे बचाव
इससे हो रहा बहुत प्रभाव।
छोटे छोटे बच्चे कर रहे दान
करके अपने सपनो को कुर्बान।
नेता दे रहे अपनी सैलरी
जिससे मिल सके फसे हुए लोगो को कैलोरी।।

आओ केरल को दिलाए विश्वास
नही टूटने देंगे लोगो को आस।
हम भी उनकी मदद करेंगे
हर कदम उनको साथ लेकर ही बढ़ेंगे।
नही है वो इस दुख मैं अकेले
फिर वो इस गम को क्यों अकेले ही झेले।।

©Neha Jain

आखिर कब तक


आखिर कब तक
हम सब यही सहते रहेंगे
अपनी ही बेटियों को कहते रहेंगे
आखिर कब तक हम चुप चाप रहेंगे
दिल में एक डर सहेंगे
क्या पता कल कुछ हो न जाए हमारे साथ
इसलिए पकड़ कर रखो बेटियों का हाथ

अपनी बेटी नहीं बेटे को समझाओ
रेप से डरो नहीं इसे जड़ से मिटाओ
बेटी के कपडे नहीं
बेटे की नज़र पर ध्यान लगाओ

बुझानी होगी रेप की आग
करनी होगी इनके इरादों की राख
खुद को आज तो जगाना ही होगा
इनके नापाक इरादों को मिटाना ही होगा

आज रेप के बाद लोग निकलते है जुलुस
हम मिलकर निकालेंगे इन दरिंदो का जूस
अब नहीं होगी एक भी जान कुर्बान
अगर यही हो हर हिंदुस्तानी की ज़ुबान
देना होगा इनको मुहतोड़ जवाब
जिससे कभी ये देख भी न पाए ऐसे ख्वाब
कठुआ निर्भया का अब नहीं है ज़माना
अब तो बस इनकी अकल को है ठिकाने लगाना
अगर हर कोई यही ले सोच
तो कोई नहीं पायेगा गलत रास्ते तक पहुंच

©Neha Jain

आरक्षण ही आरक्षण


आरक्षण ही आरक्षण
दे रहा है ये सबको गम।
होशियार दुख मना रहे
क्योंकि हम सब मिलकर जातिवाद बढ़ा रहे।।

कैसा होगा उस देश का भविष्य
जहा होंगे जातिवाद के आधार पर शिष्य।
पढ़ पढ़ के भारतीय जा रहे विदेश
क्योंकि इधर नही रह गया उनके लिए कुछ शेष।।

बड़े बड़े पदों पर मार रहा आरक्षण बाजी
क्योंकि पढ़कर आगे बढ़ने की बाते अब नही ताज़ी।
नेता दे रहे आरक्षण को अभी तक भाव
क्योंकि इससे पड़ रहा इनके वोट बैंक पर अच्छा प्रभाव।।

ऐसा करके क्या हम इस देश को वाकई आगे बढ़ा रहे?
या फिर अपने ही हाथों अपने देश को पछाड़ रहे?
आरक्षण गलत नही गलत है इसकी पहुँच
आरक्षण देना है तो उसको दो जिसके पास हो सोच।।

आओ आज उठ खड़े हो इसके खिलाफ
कल कुछ ऐसा ना हो जाये के कर न पाओ खुद को कभी माफ।
क्या करोगे उस दिन जब हो जाएगी देर
क्यों ना आज ही उठ खड़े हो सब,करने इस आरक्षण को ढेर।।

©Neha Jain

ये भूखे भ्रष्टाचारी

ये भूखे भ्रस्टाचारी।
है देश की सबसे बड़ी बीमारी।।
माँ बाप ने इन्हें इतना पढ़ाया
इन्होंने उनकी इज्जत को है मिट्टी में मिलाया।
कालाधन घर मे करके जमा
जन जन को पेट भरने के लिए तरसाया।।
बड़े बड़े वादे कर हम सबको वोट के लिए लुभाया।
अंत मे आम जनता का सारा पैसा अपने ही घर मैं दबाया।
2जी,सत्यम,आदर्श जैसे घोटाले से देश का नाम डुबाया।।
ये भूखे भ्रस्टाचारी।
है देश की सबसे बड़ी बीमारी।।

धरती माँ का भी नही रखते मान।
जब होती है मन मैं भ्रष्टाचार की ठान ।।
जा जा कर विदेश छुट्टियां मना रहे।
जनता का पैसा ऐश में उड़ा रहे।।
आएगी जनता की याद जब होगा मतदान।
घर घर जाकर तब गाएंगे ये राष्ट्रीय गान।।
दबा दबा के पैसा हमारा
खुद को सच्चा बता रहे।
लेकर हाथ मे झाड़ू स्वच्छ भारत के गुण गा रहे।।
ये भूखे भ्रस्टाचारी।
है देश की सबसे बड़ी बीमारी।।

गलती इसमे इनके नही बल्कि है हमारी।
मेज़ के नीचे पैसे दे,ऊपर काम करा कर
हम ही हो रहे इनके आभारी।।
ये तो है भूखे भ्रष्टाचारी।
हम बना रहे इन्हें धनवान भिखारी।।
ये भूखे भ्रष्टाचारी।
है इस देश की सबसे बड़ी बीमारी।।

© Neha Jain

दशहरा

आ गयी दशहरा की पावन घड़ी
मुश्किल अब पुतलो की बढ़ी।
बन कर राम रावण को जला रहे।
क्या खुद के अंदर की बुराई को भी मिटा रहे?
क्या वाकई हो रहा इस कलयुग मे रावण का अंत?
बचा भी है यहा कोई राम जैसा संत?

जगह जगह आजकल रावण का प्रहार है
घर से बहार निकलना ही दुष्वार है
कही भ्रष्टाचार है,कही दूषव्यावहार है
कदम कदम पर लुटेरो का घर बार है

आ रहे देखने लोग रावण दहन
सच को नही कर पायेगा कोई भी सहन
इतनी भीड़ देख कर रावण रहा पुकार
आओ तुम भी मेरे साथ करो बुराई पर वार
खत्म करो अपनी भी बुराई
अकेले मेरे लंका क्यों जले रहे हो भाई
                                                - नेहा जैन

क्योंकि मै भारत का नागरिक हु मुझे सब चाहिए

क्योंकि मैं भारत का नागरिक हु मुझे सब चाहिए
मैं घुस खिलाऊंगा पर मुझे देश भ्रष्टाचार मुक्त चाहिए
मैं बिजली पानी की चोरी करूँगा पर कर मुक्त चाहिए
काम मैं करना नही चाहता पर मुझे रोज़गार चाहिए
कचरा मैं सड़क पर फेंकूँगा पर मुझे सफाई चाहिए
मतदान देने जाऊंगा नही पर अच्छी सरकार चाहिए
इज़्ज़त किसी की करूँगा नही पर भारत बलात्कार मुक्त चाहिए
मेहनत मैं कर नही सकता आरक्षण का अधिकार चाहिए
बीड़ी सिगरेट छोडूंगा नही पर दवा मुफ्त चाहिए
क्योंकि मैं भारत का नागरिक हु मुझे सब चाहिए

©Neha Jain

बस कर अब ऐ पाकिस्तान

बस कर अब ऐ पाकिस्तान
भारत के जन जन की यही जुबान
अब नही कोई तेरा यहा सहारा
भारत ने दिखा दिया किनारा
ठान लिया है भारत ने करेगा तेरा नाश
खाने को न रोटी, पीने को न पानी होगा तेरे पास
वक्त है अभी भी सोच को सुधार
आतंकवाद की जड़ो को निकाल दे बाहर
जेश को अब जो दिया तूने ठिकाना
एक एक हिसाब पड़ेगा चुकाना
पकड़ पकड़ के मारेंगे एक एक को
चाहे तू बोले के तुम कितने ही नेक हो
सर्जिकल स्ट्राइक हो गयी अब पुरानी
भारत लिखेगा तेरी नई कहानी
कश्मीर पर जो तूने उठाई आंख
तेरे इरादो को कर देंगे राख
जितनी तेरी चादर है उतने पैर पसार
कही निकाल ने फेके भारत तूझे लाहौर के भी बहार
बस कर अब ए पाकिस्तान
                                    - नेहा जैन

Election Election

Election election
Parties are in huge tension
Thinking big all day and night
That whose gonna win the fight?
Winning party will dance
Others will have to wait for another chance
They would get a huge jolt
Claiming it as people's fault

People would vote for the one who is fair
Cheaters would live their lifes in despair
The one who has worked needs no introduction
People just want to throw away bloody corruption

Let's just wait and watch
Who holds the catch









मेरा क्या कसूर?

जिस दिन मेरा ग्रहप्रवेश हुआ तेरे मन में भ्रम प्रवेश हुआ सोच लिया तूने की अब बट जाएगा सबका प्यार क्योंकि तूने तो था माना बस खुद को ही हक़...