Copyright © by Neha Jain All rights reserved. The poetries or any portion thereof may not be reproduced or used in any manner whatsoever without the express written permission of the author.
Wednesday, 28 August 2019
Saturday, 24 August 2019
Thursday, 22 August 2019
Tuesday, 20 August 2019
Monday, 19 August 2019
Thursday, 15 August 2019
Tuesday, 13 August 2019
Sunday, 11 August 2019
Friday, 9 August 2019
Wednesday, 7 August 2019
Tuesday, 6 August 2019
Monday, 5 August 2019
Sunday, 4 August 2019
Saturday, 3 August 2019
तीन तलाक- एक नारी की व्यथा
डर डर के जीना सीख लिया था
मान लिया था मन ने अब
यही है इस जीवन का मूल
कभी भी शोहर जाएगा भूल
तीन तलाक के ये तीन शब्द
देते है ज़िन्दगी को रब्ध
खत्म हुआ अब तीन तलाक
नही होंगे अब सपने राख
जीने की अब होगी चाह
मिली है महिलाओं को नई राह
नही होगा अब भेदबहाव
शादी का न होगा यहाँ मोलभाव
खुल कर अब जीएगी नारी
नर नही पड़ सकेगा भारी
अब तो होगा बराबर का फैसला
तीन तलाक अलविदा कह चला
© नेहा जैन
मान लिया था मन ने अब
यही है इस जीवन का मूल
कभी भी शोहर जाएगा भूल
तीन तलाक के ये तीन शब्द
देते है ज़िन्दगी को रब्ध
खत्म हुआ अब तीन तलाक
नही होंगे अब सपने राख
जीने की अब होगी चाह
मिली है महिलाओं को नई राह
नही होगा अब भेदबहाव
शादी का न होगा यहाँ मोलभाव
खुल कर अब जीएगी नारी
नर नही पड़ सकेगा भारी
अब तो होगा बराबर का फैसला
तीन तलाक अलविदा कह चला
© नेहा जैन
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